Genetic Code
GENETIC CODE वैज्ञानिकों ने डीएनए तथा आरएनए की संरचना तथा कार्यों को जानने के बाद आनुवांशिक संकेत पद्धति अथवा जेनेटिक कोड की खोज शुरू की। नोबेल पुरस्कार होली, खुराना तथा निरेनबर्ग नामक वैज्ञानिकों ने DNA, RNA और प्रोटींस के बीच संबंध का पता लगाया। उन्होंने प्रयोगशाला में RNA का संश्लेषण किया । |इससे उन्होंने RNA में नाइट्रोजिनस क्षारकों के क्रम तथा पॉलिपेप्टाइड्स श्रंखला में एमिनो अम्लों के क्रम में संबंध स्थापित किया और जेनेटिक कोड का पता लगाया। अतः जेनेटिक कोड DNA अणुओं में स्थित नाइट्रोजिनस क्षारकों का वह अनुक्रम हैं जिसमें प्रोटीन अणुओं के संश्लेषण के लिए संदेश निहित रहते हैं। तीन न्यूक्लियोटाइड्स के उस ग्रुप को जिसमें किसी एक एमिनो अम्ल के लिए कोड यह संदेश होता है कोडॉन कहलाता हैं। तीन नाइट्रोजिनस क्षारकों के एक अनुक्रम को ट्रिपलेट कोडॉन कहते हैं। DNA अणुओं में स्थित नाइट्रोजिनस क्षारकों का वह अनुक्रम जिसमें प्रोटीन अणुओं के संश्लेषण के लिए संदेश निहित रहते हैं, उसे आनुवांशिक कूट या जेनेटिक कोड कहते हैं। DNA Nitrogenous bases [ ATGC] RNA अणुओं मे...